आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी।ओढ़े चुनरी हो मैया ओढ़े चुनरी।आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी।
आदि शक्ति हे मात भवानी जय दुर्गे मां काली। बड़े-बड़े राक्षस संघारे रणचंडी मतवाली। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹करे भक्तों का उद्धार मैया ओढ़े चुनरी। आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी।
महिषासुर सा महाबली देवों को खूब सताया। छीन लिया इंदर आसन देवों को मार भगाया। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹करी देवों ने पुकार मैया ओढ़े चुनरी।आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी।
दुर्गा का अवतार लिया झट महिषासुर संधारी। दूर किया देवों का संकट लीला तेरी न्यारी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹किया देवों पे उपकार मैया ओढ़े चुनरी। आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी।
जो कोई जिस मनसा से मैया द्वार तिहारे जाते। हर इच्छा पूरी होती और मुंह मांगा फल पाते। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹तेरा गुण गावे संसार मैया ओढ़े चुनरी। आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी।
आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी।ओढ़े चुनरी हो मैया ओढ़े चुनरी।आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी।