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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Jhoot barabar paap nahi hai,nirgun bhajan, झूठ बराबर पाप नहीं है,

झूठ बराबर पाप नहीं है रे,सच बराबर तप कोन्या

झूठ बराबर पाप नहीं है रे,सच बराबर तप कोन्या।राम नाम के नाम बराबर,और दूसरा जप कोन्या

सप्तऋषि सा ऋषि नही है,वेदव्यास सा ज्ञानी नही। हरिश्चंद्र सा भूप नहीं और, सीता सी महारानी नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹 श्री दादी जी हरिश्चंद्र और, कर्ण सरीसा दानी नहीं। रावण सा अभिमानी कोन्या, लंका सी राजधानी नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹 सकल सृष्टि का भार धरनिया, शेषनाग सा सर्प कोन्या।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹राम नाम के नाम बराबर,और दूसरा जप कोन्या

चंद्र सरिसा सील नहीं और, सूरज सा प्रकाश नहीं। सात द्वीप नवखंड बीच में, स्वर्ग पुरी सा बास नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹 काम क्रोध मद लोभ जीतया,ऋषियों सा सन्यास नहीं। वानर कुल मैं जन्म लिया पर हनुमत जैसा दास नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹 पृथ्वी जैसा धीर नहीं और, आसमान सा चुप कोन्या।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹राम नाम के नाम बराबर,और दूसरा जप कोन्या

वेद जैसा ग्रंथ नहीं और, गीता जैसा ज्ञान नहीं। गंगा जैसा नीर नहीं और, अन्न दान सा दान नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹तानसेन सा गायक नही और, काल सा बलवान नहीं। महाभारत सा युद्ध नहीं और, बाली सा बरदान नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ध्रुव जैसा अटल नहीं और, कल्पवृक्षा सा वृक्ष कोन्या।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹राम नाम के नाम बराबर,और दूसरा जप कोन्या

आज काल का ढंग बिगड़ गया, कोनी वक्त सच्चाई का। धोखा देकर गला काट दे, भाई सगा भाई का।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 भीतर दिल में खोट भरा है, ऊपर काम सफाई का। कहत कबीर सुनो भाई साधो, आया जमाना बुराई का।🌹🌹🌹🌹🌹 बैरी दुश्मन फैल गया जग में, आपस में संपत कोन्या।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹राम नाम के नाम बराबर,और दूसरा जप कोन्या

झूठ बराबर पाप नहीं है रे,सच बराबर तप कोन्या।राम नाम के नाम बराबर,और दूसरा जप कोन्या

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