तर्ज,धमाल
माखन दूंगी रे सांवरिया,थोड़ी मुरली तो बजाय,माखन दूंगी रे। मुरली तो बजाय थोड़ी बंसी तो सुनाय, माखन दूंगी रे।
ऐसी तो बजाय जैसी,जमुना तट पे बाजी रे। बहतो नीर तुरत थम जावे,ऐसी मुरली सुनाय।माखन दूंगी रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹माखन दूंगी रे सांवरिया,थोड़ी मुरली तो बजाय,माखन दूंगी रे।
ऐसी तो बजाय जैसी, मधुवन में बाजी रे।चलती धेनु तुरत ही ठहरजा,ऐसी मुरली सुनाय।माखन दूंगी रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹माखन दूंगी रे सांवरिया,थोड़ी मुरली तो बजाय,माखन दूंगी रे।
ऐसी तो बजाय जैसी,बंसीवट पे बाजी रे।सारी सहेलयां होजा मगन,ऐसी मुरली सुनाय।माखन दूंगी रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹माखन दूंगी रे सांवरिया,थोड़ी मुरली तो बजाय,माखन दूंगी रे।
चंद्र सखी भज बाल कृष्ण छबि,म्हारो भी मनडो रम जाय,ऐसी मुरली सुनाय।माखन दूंगी रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹माखन दूंगी रे सांवरिया,थोड़ी मुरली तो बजाय,माखन दूंगी रे।
माखन दूंगी रे सांवरिया,थोड़ी मुरली तो बजाय,माखन दूंगी रे।