तर्ज,हनुमान तुम्हारे द्वारे पर
तुम उठो सिया सिंगार करो,शिव धनुष राम ने तोड़ा है। शिव धनुष राम ने तोड़ा है सिया से नाता जोड़ा है।तुम….
हाथ सिया के कंगन सोहे, झुमके की छवि न्यारी है। अरे न्यारी न्यारी क्या कहिए, रघुवर को जानकी प्यारी है।
तुम उठो सिया सिंगार करो,शिव धनुष राम ने तोड़ा है। शिव धनुष राम ने तोड़ा है सिया से नाता जोड़ा है।तुम….
घुंघट में से छलके रूप तब,निरखे धनुवर धारी है।अरे रूप रूप भी क्या कहिए,रघुवर को जानकी प्यारी है।
तुम उठो सिया सिंगार करो,शिव धनुष राम ने तोड़ा है। शिव धनुष राम ने तोड़ा है सिया से नाता जोड़ा है।तुम….
जनक दुलारी सबकी लाड़ली,कह रही ये महतारी है। अरे मत ना सोच करो माता,रघुवर को जानकी प्यारी है।
तुम उठो सिया सिंगार करो,शिव धनुष राम ने तोड़ा है। शिव धनुष राम ने तोड़ा है सिया से नाता जोड़ा है।तुम….
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