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Aarti shree Ramayan ji ki, आरती श्री रामायण जी की

आरती श्री रामायण जी की

आरती श्री रामायण जी की, कीरती कलित ललित सिय पी की। आरती श्री रामायण जी की।

गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बाल्मीक विज्ञान बिसारद। सुक सनकादी शेष अरु सारद।🌹बरनी पवनसुत कीरती निकी।आरती श्री रामायण जी की।

गावत वेद पुराण अष्टदश,छहों सास्त्र सब ग्रंथन को रस।मुनिजन धन संतन को सरबस।🌹🌹सार अंस सम्मत सबही की।आरती श्री रामायण जी की।

गावत संतत शंभू भवानी।अरु घटसंभव मुनि विज्ञानी।व्यास आदि कबीबर्ज बरबानी।🌹🌹काकभुसुंडी गरुड़ के ही की।आरती श्री रामायण जी की।

कली मल हरनी विषय रस फिकी। सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 दलन रोग भव मूरी अमी की। तात मात सब विधि तुलसी की।आरती श्री रामायण जी की।

आरती श्री रामायण जी की, कीरती कलित ललित सिय पी की। आरती श्री रामायण जी की।

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