तर्ज,मुझे मिलगया मन का मीत
मुझे मिल गई गुरु कृपा, दुनियां क्या जाने।क्या जाने भई क्या जाने।२।मेरा जीवन हूवा सफल,की दुनियां क्या जाने।
जितना भी बेहाल रहूं मैं, क्यों दूजे को हाल कहूं में। बरसेगी प्रेम फुहार,दुनियां क्या जाने।क्या जाने भई क्या जाने।२।मेरा जीवन हूवा सफल,की दुनियां क्या जाने।
झूठे मीत सखा और नाते, दर्दे दिल का दर्द बढ़ाते। मुझे करते सच्चा प्यार,दुनियां क्या जाने।क्या जाने भई क्या जाने।२।मेरा जीवन हूवा सफल,की दुनियां क्या जाने।
नैनों की भाषा वह जाने, मैं उन्हें जानू वो मुझे जाने। वो है मेरे पालनहार,दुनियां क्या जाने।क्या जाने भई क्या जाने।२।मेरा जीवन हूवा सफल,की दुनियां क्या जाने।
प्रीत की रीत निभाए गुरुवर, अपने शिष्य को समझाएं गुरुवर। रखते हैं सबका ध्यान,दुनियां क्या जाने।क्या जाने भई क्या जाने।२।मेरा जीवन हूवा सफल,की दुनियां क्या जाने।