तर्ज,डोरी खींच के राखीजे
चुंदड़ी ओढ़ के राखिजे, मैया मन ना दिजे उतार। चुंदड़ी प्यारी प्यारी, ईमें टाबरिया को प्यार।
लाखों चुनरी रोज चढ़े मां, म्हारो तो कदे कदे काम पड़े मां।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मैया प्रेम से चढ़ाई, इसने कर लीजो स्वीकार।चुंदड़ी प्यारी प्यारी, ईमें टाबरिया को प्यार।
चुनरी चढ़ है मां, थारे महंगी महंगी। दुनिया लगावे इसमें, हीरा और मोती।🌹🌹🌹🌹 मैं तो हाथों से बनाई, मिलकर पूरो परिवार।चुंदड़ी प्यारी प्यारी, ईमें टाबरिया को प्यार।
चुनरी ओढ़ तो थारी, नजर उतारा। आवे जो पसंद मैया, बोलीजे दोबारा।🌹🌹🌹🌹🌹 म्हारी याही इच्छा मैया महे तो, लावां बारंबार।चुंदड़ी प्यारी प्यारी, ईमें टाबरिया को प्यार।
चुनरी को पल्लो झड़काती रहिजे। टाबरिया की बिगड़ी बनाती रहीजे। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹ज्यादा के मांगा थारी, कृपा की म्हाने दरकार।चुंदड़ी प्यारी प्यारी, ईमें टाबरिया को प्यार।
चुंदड़ी ओढ़ के राखिजे, मैया मन ना दिजे उतार। चुंदड़ी प्यारी प्यारी, ईमें टाबरिया को प्यार।