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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam bhajan,aaj sawro morpankh se, आज सांवरो मोरपंख से करयो अजब सिंगार

आज सांवरो मोरपंख से करयो अजब सिंगार

तर्ज, बार बार तोहे क्या समझाऊं

आज सांवरो मोरपंख से, करयो अजब सिंगार। देखो जी खाटू वालो, बैठयो लगाकर दरबार।

कैसो सुंदर मोरपंख को सिंहासन। जच कर बैठयो श्याम हमारो जीवन धन।🦚🦚🦚🦚 मोर पंख को बागो तन पर, मोर पंख का हार।देखो जी खाटू वालो, बैठयो लगाकर दरबार।

मोरपंख श्री श्याम धनी ने प्यारी है। इसीलिए यो मोर मुकुट सिर धारी है।🦚🦚🦚🦚🦚 मोर छड़ी ले हाथ में चाले, हो लीले असवार।देखो जी खाटू वालो, बैठयो लगाकर दरबार।

मोर पंख भगतां का कष्ट मिटावे है। मोर पंख दुखड़ा ने दूर भगावे है।🦚🦚🦚🦚🦚🦚 मोर छड़ी को झाड़ो देवे, श्याम धमाकेदार।देखो जी खाटू वालो, बैठयो लगाकर दरबार।

मोर पंख तूं कितना पुण्य कमायो है। बहुत प्रेम से श्याम तने अपनायो है।🦚🦚🦚🦚🦚 बिन्नू के सिर पर थे घरदो, श्याम धनी एक बार।देखो जी खाटू वालो, बैठयो लगाकर दरबार।

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