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श्याम भजन लिरिक्स

darwar me mere baba ke dukh dard mitaye, दरबार में मेरे बाबा के दुःख दर्द मिटाए जाते है,shyam bhajan

दरबार में मेरे बाबा के दुःख दर्द मिटाए जाते है

तर्ज, दुनियां से सहारा क्या लेना

दरबार में मेरे बाबा के, दुःख दर्द मिटाए जाते है। दुनिया ने जिन को ठुकराया, यहां गले लगाए जाते हैं। दरबार में मेरे बाबा के….

दुनिया में जहर दर्द-ए-ग़म का, पीना पड़ता मजबूरी में।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जी भर कर प्याले अमृत के, यहां रोज पिलाए जाते हैं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹दरबार में मेरे बाबा के दुःख दर्द मिटाए जाते है।

किस्मत के मारे कहां रहे, दुनिया छोटी पड़ जाती है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जो शरण बाबा की आते हैं, पलकों पर बिठाए जाते हैं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹दरबार में मेरे बाबा के दुःख दर्द मिटाए जाते है।

बनवारी जो मझधार में है, जिनका ना कोई सहारा है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 दो आंसू गिराकर चरणों पर, फिर पार लगाए जाते हैं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹दरबार में मेरे बाबा के दुःख दर्द मिटाए जाते है।

दरबार में मेरे बाबा के, दुःख दर्द मिटाए जाते है। दुनिया ने जिन को ठुकराया, यहां गले लगाए जाते हैं। दरबार में मेरे बाबा के….

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