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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Nirgun bhajan,kisi ke kaam jo aaye, किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं

किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं।

किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं। पराया दर्द अपनाएं, उसे इंसान कहते हैं।

कभी धनवान है कितना, कभी इंसान निर्धन है। कभी सुख है कभी दुःख है, इसी का नाम जीवन है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जो मुश्किल से ना घबराए, उसे इंसान कहते हैं।पराया दर्द अपनाएं, उसे इंसान कहते हैं।

यह दुनिया एक उलझन है, कहीं धोखा कहीं ठोकर। कोई हंस हंस के जीता है, कोई जीता है रो-रो कर।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जो गिर कर फिर संभल जाए, उसे इंसान कहते हैं।पराया दर्द अपनाएं, उसे इंसान कहते हैं।

अगर गलती रुलाती है, तो राह भी दिखाती है। बार गलती का पुतला है, यह अक्सर हो ही जाती है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जो गलती करके पछताए, उसे इंसान कहते हैं।पराया दर्द अपनाएं, उसे इंसान कहते हैं।

अकेले ही जो खा खाकर, सदा गुजारा करते हैं। यो भरने को तो दुनिया में, पशु भी पेट भरते हैं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जो मिलकर बांट कर खाएं, उसे इंसान कहते हैं।पराया दर्द अपनाएं, उसे इंसान कहते हैं।

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