श्याम तुम से मिलने का, सत्संग ही बहाना है। दुनिया वाले क्या जाने, मेरा रिश्ता पुराना है।
मथुरा में ढूंढा तुम्हें, गोकुल में पाया है।२। वृंदावन की गलियों में, मेरे श्याम का ठिकाना है।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚श्याम तुम से मिलने का सत्संग ही बहाना है
तुम ही मेरे माता पिता,तुमही मेरे बंधु सखा।२। जब भी तुम बुलाओगे, दौड़े चले आना है।🦚श्याम तुम से मिलने का सत्संग ही बहाना है।
गंगा में ढूंढा तुम्हें, जमुना में पाया है।२। प्रेमकी नदियों में, मेरे श्याम का ठिकाना है।🦚🦚🦚श्याम तुम से मिलने का सत्संग ही बहाना है
सूरज में ढूंढा तुम्हें, चंदा में पाया है ।२।तारों की झिलमिल में, मेरे श्याम का ठिकाना है।🦚श्याम तुम से मिलने का सत्संग ही बहाना है।
ग्रंथों में ढूंढा तुम्हें, भागवत में पाया है।२। गीताके पन्नों में, मेरे श्याम का ठिकाना है।🦚श्याम तुम से मिलने का सत्संग ही बहाना है।
महलो में ढूंढा तुम्हें, जंगल में पाया है।२। संतोके हृदय में मेरे, श्याम का ठिकाना है।🦚श्याम तुम से मिलने का सत्संग ही बहाना है
ग्वालों में ढूंढा तुम्हें, गोपियों में पाया है।राधाजी के हृदय में, मेरे श्याम का ठिकाना है।🦚🦚🦚श्याम तुम से मिलने का सत्संग ही बहाना है।