सरवरिये के तिर खड़ी या, नानी नीर बहावे है। मां का जाया वीर बिना कुन, भात भरण ने आवे है।
एक दिन म्हारो भोलो बाबुल, अरबपति कहलायो थो।अन धन रा भंडार घनेरा, और छोर नहीं पायो थो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ऊंचा ऊंचा महल मालिया, नगर सेठ कहलायो थो। अब गिनती का नौकर चाकर, याद मने सब आवे है। मां का जाया….
लाड प्यार में पली लाडली, बड़े घराने जद ब्याही थी। दान दाइजों हाथी घोड़ा, दास दासियां ल्याइ थी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 सोना चांदी हीरा मोती,गाडा भर भर ल्याई थी। बीती बाता याद करूं जद, हिवड़ो भर भर आवे है। मां का जाया….
तेरे भरोसे सेठ सांवरा, भोलो बाबुल आयो है। गोपी चंदन और तुमड़ा, साधा ने संग लायो है। घर घर मांगता फिरे सूर्या, म्हारो मान घटायो है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 देवरियो म्हाने ताना मारे, नंदन जीव जलावे है। मां का जाया…
और सगाने महल मालिया,टूटी टपरी नरसी ने। और सगाने साल दुशाला, फ़ाटी गुदड़ी नरसी ने।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 डूब मरु पर घर नहीं जाऊं, बाबुल मने लजावे है। मां का जाया…
विकल होय जद नानी बाई, श्याम प्रभु ने ध्यायो है। राधा रुकमणी संग लेकर, सेठ सांवरो आयो है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 भात भरण ने दान दाइजों, बलद भर भर लायो है। सांवरिया ने निरखे बावली, बाता न्यू बतलावे है। मां का जाया…
कौनसे नगर पधारोला थे,कुणका हो लनिहार जी।नानी बाई को भात भरण ने, जास्यां नगर अंजार जी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 नरसी म्हारो सेठ पुराणों,म्हारो अन्नदातार जी। नानी बाई म्हारी धर्म बहन यो, सांवरियो समझावे है। मां का जाया…
बात सुनी जब सांवरिया की, सारो दुखडो दूर हुयो। रंग बधावा गाती गाती, घर घर यो संवाद करयो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹भक्त मंडल थारी महिमा गावे, कब से बाट उड़ीक रहयो।विप्र राम अवतार प्रभु का, हर्ष हर्ष गुण गावे है। मां का जाया…
सरवरिये के तिर खड़ी या, नानी नीर बहावे है। मां का जाया वीर बिना कुन, भात भरण ने आवे है।