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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Pyaro sajo hai singar प्यारो सज्यों है सिंगार,(होलिया में उड़े री गुलाल)ranisati dadi bhajan

प्यारो सज्यो है सिंगार की दादी होले होले मुल्के

प्यारो सज्यों है सिंगार, दादी होले होले मुल्के,
फुलां की छाई है बहार,की दादी होले होले मुल्के।
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सती रूप में दादी आई२
चिता ने आसन आज बनाई।
कर सोलह श्रृंगार,
दादी होले होप्यारो सज्यों है सिंगार, दादी होले होले मुल्के,
फुलां की छाई है बहार,की दादी होले होले मुल्के।

दादी की है शान निराली,
सजके बैठी झुंझनू वाली।
सांचों है मां को दरबार,
की दादी होले होले मुल्के।
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