कन्हैया मेरो मांगे चन्द्र खिलौना।
जोगन कर रही रस्ता साफ़ आज मेरे मैया आवेगी,
राम का जो सहारा न होता, कोई जग में हमारा न होता।
जन्मे अवध में राम मनाओ खुशियां,
जन्मे है राम रघुरैया, अवधपुर में बाजे बधैया,
मीरा हो गई बदनाम कान्हा तेरे लिए।
जन्मे अवध में, दशरथ के ललना,
सनसना सन सांय सांय हो रही थी रेल में,
इस जग में मानव तन, मुश्किल से मिलता है,
मैया मैं तेरे दर आऊंगी पूरी कर दो मुरादें।
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