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राम भजन लिरिक्स

Ram ka jo sahara na hota koi jag me hamara na hota,राम का जो सहारा न होता, कोई जग में हमारा न होता,ram bhajan

राम का जो सहारा न होता, कोई जग में हमारा न होता।

राम का जो सहारा न होता, कोई जग में हमारा न होता।



नाते झूठे हैं दुनिया के सारे, भाई बन्धु न कोई हमारे, नाम सांचा तुम्हारा न होता,कोई जग में हमारा न होता।राम का जो सहारा न होता, कोई जग में हमारा न होता।



आई जीवन में जब विपदा भारी, टेर तुमको लगाई मुरारी, आके तूने बचाया न होता, कोई जग में हमारा न होता।राम का जो सहारा न होता, कोई जग में हमारा न होता।



मैंने जब जब है तुमको पुकारा, तूने आकर दिया है सहारा, गर सहारा तुम्हारा न होता, कोई जग में हमारा न होता।राम का जो सहारा न होता, कोई जग में हमारा न होता।

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