म्हाने तो भावे रे बादामां री कतली
Category: Holi geet
देश में चालो जी ढोला मन भटके।
सुणज्यो सुणज्यो ओ सासूजी, दिन दिन ऊंचो आवे है।
सामली हवेली माथे,कागला घणा
धरती धोरा री धरती धोरा री
नौवे महीने चल गई पीड़ा,नौवे महीने चल गई पीड़ा,पेट में टीसा चाले रे,म्हारो गोलो उतरग्यो
देवर सु बोली भाभी म्हारे आधे अंग रा साथी,
में तो पाणीडे ने चाली मेरा श्याम, मरद चाले अड़-अडके
मिसरी को बाग लगादे रसिया
नीम की निमोळी म्हाने खारी लागे
जेठ म्हारो भोलो ढालो जी जिठानी म्हारी तेरह ताली जी,
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