आजा मारी भाभी, आजा आपा होली खेला,
Category: Holi geet
भर जोबन मैं नाव डूबगी तैरादे लनीहारा।
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा स
चाल चंदा डागलिये पे, झीणी झीणी चांदनी
बाई सा रा बीरा जेपुर जाज्यो जी
उमराव थारी बोली प्यारी लागे म्हारा राज
ओ दे गयो कागद पोस्टमैन, म्हारा पीव घर आसी जी
लक्ष्मण के बान लाग्यो शक्ति,लक्ष्मण के।
कोणी माने ऐ यशोदा तेरो गिरधारी।
रंग मत डारे रे सांवरिया म्हाने, गुजर मारे रे। रंग मत डारे रे।