बाई सा रा बीरा जेपुर जाज्यो जी
आता तो लयायिज्यो तारा की चूनड़ी।
ये सुंदर गोरी बात बतावो जी
कसिक ल्यावाँ तारा की चुनड़ी।सुहागन गोरी महे नहीं जाना ये, कसिक होवे तारा री चूंदडी।
बाई सा रा बीरा , हररया हरया पल्ला जी
कसुमल रंग री तारा की चुनड़ी
सुंदर गोरी ओढ़ बतावो जी
कसिक सोवे तारा की चुनड़ी।
बाई सा रा बीरा,नंदद हठीली जी
ओढ़न नही दे तारा की चुनड़ी
म्हारी चंदा बदनी, ओढ़ बतावो जी
मेहला में निरखां तारा री चुनड़ी।।