खेत में उबोड़ी छोरी, ऊचो हाथ करियो
Category: Holi geet
रेशमनी घाघरे में लाग रही पाती
बंनगयो हाजरियो सग्गोजी नखरेवाली सगीजी रो,
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलादयो ऐ
पतझड़ में ही फूल खिले तो बहारा ने कून पूछेगो।
म्हारो पियो बसे है परदेश,लिख रही कागदियो।
बीनणी रो फेर पग भारी।
रात चढ़ी रे छैलो घर कोनी आयो
घनी देर से उबे मुंडे बोल तो सरी
भाभी का चेहरा सुहाना लगता है।
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