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Holi geet

Kurja ye mhara bhawar miladyo ye,कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलादयो ऐ,holi geet

कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलादयो ऐ

सुपनो जगाई आधी रात में
तनै मैं बताऊँ मन की बात
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलादयो ऐ
संदेशो म्हारे पिया ने पुगाद्यो ऐ ।


तूं छै कुरजां म्हारे गाँव की
लागे धर्म की भाण
कुरजां ऐ राण्यो भंवर मिलाद्यो ऐ
संदेशो म्हारे पिया ने पुगाद्यो ऐ ।



पांखां पै लिखूं थारै ओळमों
चान्चां पै सात सलाम
संदेशो म्हारै पिया ने पुगाद्यो ऐ
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाद्यो ऐ ।



लस्करिये ने यूँ कही
क्यूँ परणी छी मोय
परण पाछे क्यों बिसराई रे
कुरजां ऐ भंवर मिलाद्यो ऐ
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाद्यो ऐ ।



ले परवानो कुरजां उड़ गई
गई गई समदर रे पार
संदेशो पिया की गोदी में नाख्यो जाय।संदेशो गोरी को पियाजी ने दीन्यो जाय।



थारी धण री भेजी मैं आ गई
ल्याई जी संदेशो ल्यो थे बांच
थे गोरी धण ने क्यों छिटकाई रे।



कुरजां ऐ साँची बात बताई रे
के चित आयो थारे देसड़ो
के चित आयो मायर बाप
साथीड़ा म्हाने सांच बता दे रे
उदासी कियां मुखड़े पे छाई रे।



आ ल्यो राजाजी थारी चाकरी
ओ ल्यो साथीड़ा थांरो साथ
संदेशो म्हारी मरवण को आयोजी
गोरी म्हाने घरां तो बुलाया जी।



नीली घोड़ी नौ लखी
मोत्यां से जड़ी रे लगाम
घोड़ी ऐ म्हाने देस पुगाद्यो जी
गोरी से म्हाने बेगा मिलाद्यो जी ।



रात ढल्याँ राजाजी रळकिया
दिनड़ो उगायो गोरी रे देस
कुरजां ऐ सांचो कोल निभायो ऐ
कुरजां ऐ राण्यो भंवर मिलाया ऐ।kurja

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