भाव भक्ति रो लाडू बनायो, ओ तो जीमे ज्याणे लागे स्वाद, लाड्डू भक्ति रो।
Category: विविध भजन
दुनिया रिझेली मिठो बोल्या से।
जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा
उमरिया बीती जाए रे।
गऊ बेचकर बकरी लयावे कन्या का धन खावे
भाभी कड़वा तो बोल्या छे महाने बोलना
सांझ होने को आई,धोबनिया रोटी नाय लाई।
म्हारी पांचों ही बहुआ राजी, म्हारी सूरत राम से लागी।
कितने कर लो छुप छुप पाप, प्रभु तो सब कुछ देख रहे
हंसलो री जोड़ी जग में बिछड़ी ये राम
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