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विविध भजन

Jaha nath rakh loge wahi me rahunga,जहां नाथ रख लोगे वहीं मैं रहूँगा,

जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा

जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा॥जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा।
जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा॥


जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा॥जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा।
जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा॥
जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा।

यह जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे।
तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे।
तुम्हे छोड़ कर नाथ किससे कहूँगा॥ जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा।
जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा॥
जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा।

ना कोई उलाहना, ना कोई अर्जी
करलो करालो, जो है तेरी मर्जी।
कहना भी होगा तो, तुम्ही से कहूँगा॥जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा।
जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा॥
जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा।

दयानाथ दयनीय मेरी अवस्था।
तेरे हाथ है अब मेरी सारी व्यवस्था।
जो भी कहोगे तुम, वही मैं करूँगा॥जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा।
जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा॥
जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगाजहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा।
जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा॥

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