जिंदगी की राह में लोग हम से खेले हैं ।
Category: विविध भजन
थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी,
कब होगी मुझसे मां रूबरू,
उठ कर ले भजन भगवान का,
तेरे जीवन का तो यही सार है
हरे कृष्णा हरे रामा
टप टपाटप खून जरे,
तेजो नाग सु बात करे,
मेरा तार हरी से जोड़े,
ऐसा कोई संत मिले,
भला हुआ मोरी गगरी फूटी, मैं पनियां भरन से छूटी,
गऊ चराने में शर्म करे और कुत्ता घुमावे शान से
में तो सत री संगत में जाऊंला।राम गुण हरी गुण गाऊंला।
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