Categories
विविध भजन

Thari sufal kamayi Maharaj bharthari thari,थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी,

थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी,

थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥


है होणहार बलवान, कर्म गति न्यारी।
बिधना का लिखिया लिख, टरै नहीं टारी।थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥


थारा राजपाट धन माल, सभी रुल ज्यावै।
थारा देख के भगवाँ भेष, शरम मोय आवै॥थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥


है राजपाट घनमाल, सपन की माया।
भिक्षा दे पिंगला मात, भरथरी आया॥थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥


राणी खड़ी सभा कै बीच, लट इयाँ तोड़ै।
मेरा सात फेराँ का पीव, मतीना मुख मोड़ै॥थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥


तेरो मदियो गोरखनाथ, पति भरमाया।
मेरो राजन बिछुड्यो जाय, तड़फ रही काया॥थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥


मत देवो गुरु नै गाल, अमर करी काया।
मत तड़फै पिंगला मात, प्रभु की माया॥थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥


गुरु खड्या जंगल कै बीच, देया रया हेला।
थे आओ भरतकुमार गुरु का चेला।थारी सुफल कमाई महाराज भरथरी थारी, भरथरी थारी।मालिक कै कारण जोग फकीरी धारी॥

Leave a comment