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विविध भजन

Ma teri yaad me,कब होगी मुझसे मां रूबरू,

कब होगी मुझसे मां रूबरू,

खुशहाल जिंदगी थी,कोई रंग अधूरा था। तूफान ऐसा आया कि पत्ते बिखर गए। तूं चली गई क्यों मां छोड़कर। तु चली गई मां क्यों छोड़ कर कब होगी मां मुझसे मां रूबरू।तु चली गई मां क्यों छोड़ कर कब होगी मुझसे मां रूबरू।कब होगी मुझसे मां रूबरू।कब होगी मुझसे मां रूबरू।

तेरी जान मुझ में है बसी ,मेरी जान तुझ में है बसी। पैदा किया तूने मुझे मेरी सांस में मां तू बसी। मेरी सांस में मां तू बसी।तेरी ऋणी हूं में सदा,कब होगी मुझसे मां रूबरू।तु चली गई मां क्यों छोड़ कर कब होगी मुझसे मां रूबरू।

में कहां चली और क्यों चली सब पूछती थी मुझसे मां। अब लौट कर जब आऊं घर किसको सुनाऊं हाले दिल।किसको सुनाऊं हाले दिल। तेरी दुआ मेरे साथ है, मां मुझसे मिल तूं मुझसे मिल।कब होगी मुझसे मां रूबरू।तु चली गई मां क्यों छोड़ कर कब होगी मुझसे मां रूबरू।

तूने पाला मुझको बड़ा किया बड़े शान से बड़े नाज से। तूने हर हुनर मुझको दिया बड़े चाव से बड़े भाव से। बड़े चाव से बड़े भाव से।तूं सुमन लता है मेरी मां मैं राधा तेरी बेटी हूं। तु चली गई मां क्यों छोड़ कर कब होगी मुझसे मां रूबरू।

तु चली गई मां क्यों छोड़ कर कब होगी मुझसे मां रूबरू।तु चली गई मां क्यों छोड़ कर कब होगी मुझसे मां रूबरू।

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