मन रो कहणो मत कीजै लिरिक्स
Category: विविध भजन
मन थोडो नैनों बन ने रहीजे।
मानो कही तो पिया जोगी मत बनो जी।
बड़ा मीठा प्रसाद सत्संग का
Jhuki aaye badra baras kyo na Jaye
पहला नाम तुम्हारा शिमरू,
रिद्धि शिद्धि दो गणपत साई,
मेरे अंगने में देवों का ही स्थान है।
माटी की मटकी राम राम बोल,
लीलन म्हारी बावली ए , मत आसूड़ा तु ढलकाय।
माई री मैं तो आजु परी निधि पाई।
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