जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।
Category: विविध भजन
मन लोभी जिवडा,हो गयो मोड़ो रे दिन रहियो थोड़ो रे।
जीते जी तो कदर न जानी अब क्यों श्राद्ध मनावे।
हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।
अरे हंसला रे, चुगले चुगले,
मोतीड़ा रो चून, कोई मोतीड़ा रो चून,
तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के
बागों में फूल खिले दिन रात माला किसके लिए बनाऊं,
राम रा भजन में हाले म्हारा हंसला, जुग में जीवनो थोड़ो रे।
तेजाजी सररर सररर कोई चाले कालो नाग
अब थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा
You must be logged in to post a comment.