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विविध भजन

Ghar ghar gaar ka chulha,थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा

अब थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा

थारी मारी कर बाला, कान पराया भर वाला,अरे थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।

अरे नित दुखा ने रोबाला ओ, पल-पल आंसू भरवाला ओ,अरे नित दुखा ने रोबाला ओ, पल-पल आंसू भरवाला ओ,थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।

पीठ पराई बक्वाला ओ ,बिन सोचयां ही बक्वाला ओ,पीठ पराई बक्वाला ओ ,बिन सोचयां ही बक्वाला ओ,अब थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।

सदा बुराई करवाला ओ, पाडोसी से लडबाला ओ,सदा बुराई करवाला ओ, पाडोसी से लडबाला ओ,अब थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।

ऊंची बात करवाला ओ,देख उनरो डरबाला ओ,ऊंची बात करवाला ओ,देख उनदरो डरबाला ओ,अब थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।

अरे निंदा पर रस लेबाला ओ,दूजा पर हंस लेवाला ओ,अरे निंदा पर रस लेबाला ओ,दूजा पर हंस लेवाला ओ,अब थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।

खावे जी में छेद करनिया, मालुनी कद राम मिलानिया,खावे जी में छेद करनिया, मालुनी कद राम मिलानिया,अब थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।

थारी मारी कर बाला, कान पराया भर वाला,अरे थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।थे क्यों या भूलया, घर-घर घर का चूल्हा।

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