भजना मे जावा कोनी दे,
सतसंग मे जावा को नी दे,
Category: विविध भजन
जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी है,
ना रहा इस जग से नाता ना रहा कोई ठिकाना।
करले भजन ओ मूरख बंदे बैरी बुढ़ापा आएगा।
बीत गये दिन भजन बिना रे।
अरे नर काहे पे करत गुमान
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।
ना राम नाम लीनो तेने भरी जवानी में,
माँ बिन कोण लड़ावे लाड
कोण मने छाती ते लावे
आ मन बैठ जरा श्री रामजी के चरणों में,
अरे नर लेख तो लिख्योडा पावे रे कागज मंढ गयो कर्मा को।
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