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विविध भजन

Satsang amar jadi hai jo koi labh liyo satsang ko wane khabar padhi hai,सत्संग अमर जड़ी है,जो कोई लाभ लियो सत्संग को,वाने खबर पढ़ी है,

जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी है,

सत्संग अमर जड़ी है,
जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी है,
जग में सत्संग अमर जड़ी है ।

प्रहलादे संगत सिरिया देरी कीनी,
रामजी री खबर पड़ी है,
हिरणाकुश ने थम्भ तपायो,
थम्भ से बाथ भरी है ।
जग में सत्संग अमर जड़ी है।

सत्संग अमर जड़ी है,
जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी है,
जग में सत्संग अमर जड़ी है ।

नरसी रे संगत पीपा जीरी कीनी,
सुई पर बात अड़ी है,
छप्पन करोड रो भरियो मायरो,
आया ए आपहरी है ।
जग में सत्संग अमर जड़ी है।

सत्संग अमर जड़ी है,
जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी है,
जग में सत्संग अमर जड़ी है ।

रामजी संगत सुग्रीव री कीनी,
वानरों री फौज बणी है,
वानरों री काँहि सिमरथा,
जाय रावण से लड़ी है ।
जग में सत्संग अमर जड़ी है।

सत्संग अमर जड़ी है,
जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी है,
जग में सत्संग अमर जड़ी है ।

लोहे संगत काठरी कीनी,
भाई जलपर जहाज तिरी है,
रामानन्द रा भणे कबीरा,
बिल्कुल बात खरी है ।
जग में सत्संग अमर जड़ी है।

सत्संग अमर जड़ी है,
जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी है,
जग में सत्संग अमर जड़ी है ।

सत्संग अमर जड़ी है,
जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी है,
जग में सत्संग अमर जड़ी है ।

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