ना रहा इस जग से नाता ना रहा कोई ठिकाना। चल उड़ जा रे पंछी यह जगत मुसाफिरखाना।
दुनिया का दस्तूर पुराना, सबको है यहां आना जाना। कुछ ना रहा यहां तेरा बंदे, खत्म हुआ यहां तेरा ठिकाना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 झूठे हैं सब रिश्ते नाते, झूठा माल खजाना।चल उड़ जा रे पंछी यह जगत मुसाफिरखाना।
ना रहा इस जग से नाता ना रहा कोई ठिकाना। चल उड़ जा रे पंछी यह जगत मुसाफिरखाना।
मिट्टी का है खेल खिलौना मिट्टी में मिल जाना है फिर उस मिट्टी से उसका दूजा खिलौना बनाना है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 समय का लेखा मिट ना पाये क्या फिर है बचकाना।चल उड़ जा रे पंछी यह जगत मुसाफिरखाना।
ना रहा इस जग से नाता ना रहा कोई ठिकाना। चल उड़ जा रे पंछी यह जगत मुसाफिरखाना।
ना रहा इस जग से नाता ना रहा कोई ठिकाना। चल उड़ जा रे पंछी यह जगत मुसाफिरखाना।