रूक ज्यायी ए डट ज्यायी ए, रूक ज्यायी ए रेल लुहारू की, मेरो कद परण्यो घर आव।
डट ज्यायी ए रूक
पाणिड़ा न जाती मैं तो सुगन मनाऊँ, कद साजन घर आव। घड़ल पर-२ घड़लो मेल रही जी, मेरो अब साजन घर आव ।डट ज्यायी ए रूक
रसोयां म जाती मैं तो सुगन मनाऊँ, कद साजन घर आव। फलक पर-२ फलको बेल रही जी, मेरो अब साजन घर आव। डट ज्यायी ए रूक,
महलां म जाती मैं तो सुगन मनाऊँ, कद साजन घर आव। तकिये पर -२ तकियो मेल रही जी, मेरो अब साजन घर आव। डट ज्यायी ए रूक
बागां म जाती मैं तो सुगन मनाऊँ, कद साजन घर आव। माला पर-२ माला गूंथ रही जी, मेरा अब साजन घर आव। डट ज्यायी ए रूक,