तर्ज – ओ फिरकी वाली,
ओ जगदम्बे अर्ज सुन अम्बे,
ध्याऊं में भूजलम्बे,रखो मां सिर पै हाथ यै,
मैया सुणले म्हारै मनडे़ री बात ये,
गाँव सुवाप घर सासरो साठिका,धाम बणायौं देशाण।महिमा अपरम्पार भवानी,थाने सारों जग जाणैं।गाँव सुवाप घर सासरो साठिका,धाम बणायौं देशाण।महिमा अपरम्पार भवानी,थाने सारों जग जाणैं।दुनिया आवै, धोक लगावै,
हिल मिल दर गुण गावै।
दर्शण दिज्यो, ढाढाणीं सुध लिज्यो,
सदांई रिज्यो साथ यै,
ओ मैया सुणले म्हारै मनडे़ री बात ये,
करणी म्हारी, लीला निराळीं,खोजत सब ऋषि मुनि हारे।आदि अनादी सगत भवानी,
रूप अनेक मां हैं थारे।करणी म्हारी, लीला निराळीं,खोजत सब ऋषि मुनि हारे।आदि अनादी सगत भवानी,रूप अनेक मां हैं थारे।
कोई ना जाणें, माया थारी,सेठा री दुलारी।
हो सकळाई, दसों दिशा छाई,हे जग में बिख्यात है।ओ मइयां सुणले म्हारै मनडे़ री बात ये,
आप बिना नहीं और आसरो,याद राखो मां किन्याणी।अर्जी सुन ले, मन की करदे,
संकल घर री हृदयाणीं।आप बिना नहीं और आसरो,याद राखो मां किन्याणी।अर्जी सुन ले, मन की करदे,संकल घर री हृदयाणीं।
किरपा किरज्यो, कारज सरज्यो,दुखड़ा हर महाराणी।ओळम थारो, जन्मां रो थे सुधारो,
बरसा री बिगड़ी बात ये,ओ मइयाँ सुणले म्हारै मनडे़ री बात ये,
मिषण पर मां महर राख्जौ,अम्बे रखियों सिर पाणी।अहसनाद कर जोड़ खड़ा तेरे,
अम्बे सुणजौ रखवाणीं।मिषण पर मां महर राख्जौ,अम्बे रखियों सिर पाणी।अहसनाद कर जोड़ खड़ा तेरे,अम्बे सुणजौ रखवाणीं।
सहाए करो मां, सुख में दुःख में,
हैलो सुण किन्याणी।
ओ गुण गाऊं,भगती रो वर पाऊं,मनाऊं दिन रात मैं।ओ मइया सुणले म्हारै मनडे़ री बात ये,
ओ जगदम्बे अर्ज सुन अम्बे,
ध्याऊं में भूजलम्बे,रखो मां सिर पै हाथ यै,
मैया सुणले म्हारै मनडे़ री बात ये,