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राम भजन लिरिक्स

Mere rom rom me baste hai Shree Ram by shekhar jaiswal ,मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम,ram bhajan

मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।

एक तू ही है पालन हारा दुजा ना कोई मेरा सहारा। तेरे बिना ना होती सुबह मेरी, ना होती मेरी शाम। मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।

जूठे फल खाकर शबरी के, मन का भेद मिटाया। रावण का संघार किया सीता का मान बढ़ाया।जूठे फल खाकर शबरी के, मन का भेद मिटाया। रावण का संघार किया सीता का मान बढ़ाया। दशरथ नंदन करूं मैं वंदन भजू में तेरा नाम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।

आन पधारे राम लला खत्म हुई यह दूरी। प्रभु राम की धरा अयोध्या, राम से हुई है पूरी।आन पधारे राम लला खत्म हुई यह दूरी। प्रभु राम की धरा अयोध्या, राम से हुई है पूरी। प्रेम का बंधन बना है चंदन बना अयोध्या धाम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।

मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।मेरे रोम रोम में बसते हैं श्री राम।

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