Categories
निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Chala Odh Ke Kafan Akela,चला ओढ़ के कफन अकेला सब झूठा है जग का मेला,nirgun Bhajan

चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला

तर्ज, मनिहारी का भेष बनाया

चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।

बंद होगी नबज तुझे मिल गया कफन। ना लगेगा वक्त करें शुक्रत अगन।बंद होगी नबज तुझे मिल गया कफन। ना लगेगा वक्त करें शुक्रत अगन। तेरी मौत खेला गई खेला।सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।

तेरी यारी जुड़ी रिश्तेदारी जुड़ी। तेरे गांव की सब सरकारी जुड़ी।तेरी यारी जुड़ी रिश्तेदारी जुड़ी। तेरे गांव की सब सरकारी जुड़ी। तेरा रोवे भूत अलबेला।सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।

तेरे महल छूटे यह हवेली छुटी। आज प्राणों की प्यारी अकेली छुटी।तेरे महल छूटे यह हवेली छुटी। आज प्राणों की प्यारी अकेली छुटी। ना संग चला रे एक धेला।सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।

गंगा में रख तेरी बह जा कहीं। भगवान चंद्र सब रह जा यही।गंगा में रख तेरी बह जा कहीं। भगवान चंद्र सब रह जा यही। तेरे दोस्त सखा और चेला।सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला।

Leave a comment