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विविध भजन

Jagat me koi na parmanant,जगत में कोई ना परमानेंट

जगत में कोई ना परमानेंट।

जाणा है यहां रहणा नाही बात बड़ी पेटेंट। जगत में कोई ना परमानें।जगत में कोई ना परमानेंट।



ओ संसार सराय है जेसे रेस्टोरेनट।सच्चे तो यहाँ दस रहते है झूठे नब्बे परसेंट। सतगुरुवा से कार्ड ले ले कर करे अप्लाईमेन्ट।जगत में कोई ना परमानेंट।जगत में कोई ना परमानेंट।



नर का चोला रतन अमोला जीवन है वीकेंड। नेम धर्म सत कर्म छुट ज्या बण बैठे पेसेन्ट।जगत में कोई ना परमानेंट।



जम का दूत पकड़ ले ज्यावे बण के सुपरिडेंट। एक पलक की देर करेना ले ज्यावे अर्जेन्ट ।जगत में कोई ना परमानेंट।



राम भजन म ध्यान लगाले बण उसका सर्वेन्ट।
ताराचंद बोले से बाणी जेसे खुश्बू सेंट। रतीराम सतगुरु चरणा में सदा रहो परजेन्।जगत में कोई ना परमानेंट।जगत में कोई ना परमानेंट।

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