के भजनों का जिक्र करूं मैंने राम रिझाना से। सखियां गेला प्यार घणा से मने हंस बतलाना से।
के बेटा का जिक्र करूं मैंने दिल समझाना से। यह घर मेरा वह घर मेरा हक बटवाना से।के भजनों का जिक्र करूं मैंने राम रिझाना से।के भजनों का जिक्र करूं मैंने राम रिझाना से। सखियां गेला प्यार घणा से मने हंस बतलाना से।
की बेटियां का जिक्र करूं यो तो धन बेगाना से।आके बटेऊ ले जागा यो खड़ा लखाना से।के भजनों का जिक्र करूं मैंने राम रिझाना से। सखियां गेला प्यार घणा से मने हंस बतलाना से।
के बहुआ का जिकर करू जो तो बड़ा थाना से। हाथ हथकड़ी हे पाया बेडी मुंह में ताला से।के भजनों का जिक्र करूं मैंने राम रिझाना से। सखियां गेला प्यार घणा से मने हंस बतलाना से।
के पोतयां का जीकर करूं यो तो लाड लड़ाना से।भीतर ते या बहुअड़ बोली यो बेटा मेरा से।के भजनों का जिक्र करूं मैंने राम रिझाना से। सखियां गेला प्यार घणा से मने हंस बतलाना से।
के बूढ़े का जीकर करूं मने ढूंढ बसाना से।सांची सांच बता दे बेबे यो किन समझाना से।के भजनों का जिक्र करूं मैंने राम रिझाना से। सखियां गेला प्यार घणा से मने हंस बतलाना से।