जीवन जेवड़ी का सुख दुख आंटा, आयो उमर वालो नाको। भाई मेरा दिन दिन होरयो पाको ।।
पहली तो तू भाई कुहायो, पछे कुहालियो काको,बाप कुहाले चाहे,दादोजी कुहाले, जदकद बिगड़े को खाको ।।जीवन जेवड़ी का सुख दुख आंटा, आयो उमर वालो नाको। भाई मेरा दिन दिन होरयो पाको ।।
तरुण भयो जद तिरिया पुरुष को पंचा बना दियो जाको, घर गृहस्ती की गाडुली लगा दी, गाडुली न धीरे धीरे हांको ।। जीवन जेवड़ी का सुख दुख आंटा, आयो उमर वालो नाको। भाई मेरा दिन दिन होरयो पाको ।।
घर म खूब कमाकर ल्याव, कहे सुपातर माँ को, हाण थके हिवड़ो कुरळावे, जद कहे दळडे म् नाखो।।जीवन जेवड़ी का सुख दुख आंटा, आयो उमर वालो नाको। भाई मेरा दिन दिन होरयो पाको ।।
सुख पावे जद अकल सरावे, म्हे ही धिखावा म्हारो धाको,दुख पावे जद करमा न रोव, राम के लगावे झूठो लाको ।।जीवन जेवड़ी का सुख दुख आंटा, आयो उमर वालो नाको। भाई मेरा दिन दिन होरयो पाको ।।
सुख दुख का दोनु आंटा उधेड़ो, एक तार कर राखो, “माधव” कहे ई दुइ न मिटा दे, दुइ को काम बड़ो बांको।।जीवन जेवड़ी का सुख दुख आंटा, आयो उमर वालो नाको। भाई मेरा दिन दिन होरयो पाको ।।