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Jaban jaisi mithi jagat me jaban jaisi khari kya,जबान जेसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या

जबान जेसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या।

जबान जेसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या। है पैसे का खेल जगत में और दूसरी यारी क्या



हाकम होके न्याय न जाणे वो हाकम हकदारी क्या। क्षत्रि हो के पीठ दिखावे वो राजा क्षत्र धारी क्या ।जबान जेसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या। है पैसे का खेल जगत में और दूसरी यारी क्या ।



बिन कुए एक बाग़ लगाया फूलन की हुसियारी क्या। बिन महावत एक हस्ती देख्या बिन राजा असवारी क्या ।जबान जेसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या। है पैसे का खेल जगत में और दूसरी यारी क्या ।





साधु हो के तिरिया राखे वो साधु तपधारी क्या। तिरिया होके जहर पिलावे वो पतिवरता नारी क्या ।जबान जेसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या। है पैसे का खेल जगत में और दूसरी यारी क्या ।



मित्र हो के कपट रचावे रस मित्र संग सारी क्या।साधु हो के तिरिया राखे वो साधु तपधारी क्या। तिरिया होके जहर पिलावे वो पतिवरता नारी क्या ।जबान जेसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या। है पैसे का खेल जगत में और दूसरी यारी क्या ।



मित्र हो के कपट रचावे उस मित्र संग यारी क्या “अणतुराम”उस्ताद हमारा मूरख संग लाचारी क्या।जबान जेसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या। है पैसे का खेल जगत में और दूसरी यारी क्या ।

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