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विविध भजन

Jabtak hai tan me pran tere hari naam ki jot jalaye rakhna,जबतक है तन में प्राण तेरे हरी नाम की जोत जलाए रखना,

जबतक है तन में प्राण तेरे

जबतक है तन में प्राण तेरे हरी नाम की जोत जलाए रखना। प्रभु अपनाएंगे कभी ना कभी मन में विश्वास सदा रखना।जबतक है तन में प्राण तेरे

जब जीवन दुख से घीर जाए, आशा की किरणे बुझ जाए।जब जीवन दुख से घीर जाए, आशा की किरणे बुझ जाए। तब ध्यान लगा इन चरणों में तुम खुद को सौंप दिया करना।जबतक है तन में प्राण तेरे

जबतक है तन में प्राण तेरे हरी नाम की जोत जलाए रखना। प्रभु अपनाएंगे कभी ना कभी मन में विश्वास सदा रखना।जबतक है तन में प्राण तेरे

करुणा के सागर दाता है जो मांगो तुम्हें मिल जाता है।करुणा के सागर दाता है जो मांगो तुम्हें मिल जाता है।हरी हर लेते है दुख सभी,इन्हे दिल से याद किया करना।जबतक है तन में प्राण तेरे

जबतक है तन में प्राण तेरे हरी नाम की जोत जलाए रखना। प्रभु अपनाएंगे कभी ना कभी मन में विश्वास सदा रखना।जबतक है तन में प्राण तेरे

जग में तेरा है न कोई अपना,यह धन दौलत भी है सपना।जग में तेरा है न कोई अपना,यह धन दौलत भी है सपना।बड़ा जतन मानुष तन पाया है, भगवन का नाम सदा जपना।जबतक है तन में प्राण तेरे

जबतक है तन में प्राण तेरे हरी नाम की जोत जलाए रखना। प्रभु अपनाएंगे कभी ना कभी मन में विश्वास सदा रखना।जबतक है तन में प्राण तेरे

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