समय समय की बात ह्
समय समय की बात,
कोई समय का दिन बड़ा,
कोई समय की रात,
तुलसी नर का क्या बड़ा,
समय बड़ा बलवान,
आभा लूटी गोपियां
बे अर्जुन बे बाण,
समय को कोणी भरोशो,
कद पलटी मार ज्याव्
कदे कदे ही गादड़ा स्यु,
सिंग हार ज्यावै,
गुरु वशिष्ठ महामुनि ग्यानी लिख लिख बात बतावे,
श्री राम जंगल में जावे ,किस्मत पलटी खावे,
अरे ,राजा दशरथ प्राण त्याग दे , हाथ लगा नही पावे,
राजा की बेटी पद्मा बाई ने
मोर लाल ने परणावे
मोर जाय जंगल में मर ज्या
किस्मत पलटी खावे
महर भई मालिक की ऐसी,
मोर को मर्द बनावे,
राजा भरतरी रानी पिंगला,
महला में सुख पावे,
राजा भरतरी शिकार खेलने जंगल माँही जावे,
गोरख नाथ मिल्या गुरु ऐसा ,राजा जोगी बन जावे,,
समय समय की बात ह्
समय समय की बात,
कोई समय का दिन बड़ा,
कोई समय की रात,