आवनकी मनभावन की।
कोई कहियो गिरधर आवन की,
आप न आवै साँवरो पतिया भेजै ,
बाण पड़ी ललचावनकी।आवनकी मनभावन की।
कोई कहियो गिरधर आवन की,
ए दो नैण कह्यो नहिं मानै,
नदियां उलट आई सावन की।आवनकी मनभावन की।कोई कहियो गिरधर आवन की,
एक गोकुल एक मथुरा नगरी
पंख नहीं उड़ जावनकी।आवनकी मनभावन की।
कोई कहियो गिरधर आवन की,
चन्द्र सखी मद बाल कृष्ण छवि
सांवली सूरत मन भावन की।आवनकी मनभावन की।कोई कहियो गिरधर आवन की,