काया रंग चुनड़ी ऐ ,
थारो राम मिलन कैसे होय,,
तेरो राम मिलन कैसे होय,
अजब कारीगर थे तो बणिया,
वर्षो करि तैयार ,
पांच तँता की चूनड़ी ,
ओढे सो संसार।काया रंग चुनड़ी ऐ ,
थारो राम मिलन कैसे होय,,
तेरो राम मिलन कैसे होय,
अजब मिजाजन चूनड़ी तेरा चमके रूप अपार,
राम नाम का सुमिरन करले,
होज्या भव से पार।काया रंग चुनड़ी ऐ ,
थारो राम मिलन कैसे होय,,
तेरो राम मिलन कैसे होय,
कोर पानियों क्या फिरे
इस की बाजी उतार रे ले तु,
इसकी पाल तु उतार ले
मील ज्या सिरजन हार।काया रंग चुनड़ी ऐ ,
थारो राम मिलन कैसे होय,,
तेरो राम मिलन कैसे होय,
सतगुरु थान ज्ञान दियो ह्,
रस्तो दियो ह् बताय,,
सत्संग प्रीत लगाय ले तू,
होज्या भव से पार।काया रंग चुनड़ी ऐ ,
थारो राम मिलन कैसे होय,,
तेरो राम मिलन कैसे होय,
काया में माया बसे ह् ,
ज्यूँ पथरी में आग ।
राम मिलन की दिल में थारे,
चकमक होकर लाग ।काया रंग चुनड़ी ऐ ,
थारो राम मिलन कैसे होय,,
तेरो राम मिलन कैसे होय,
सतगुरु थाने पूरा मिलग्या
मिल गया नाथ गुलाब
पांच तँता की चुनड़ी,
बे तो गावे भानी नाथ ।।काया रंग चुनड़ी ऐ ,
थारो राम मिलन कैसे होय,,
तेरो राम मिलन कैसे होय,