अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
कुण योगी तेरी बहन भाणजी कोण कहिजे माता रे,
कुण योगी तेर संग रमे है कोण करे मुख बातां रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
धूणी कहिजे बहन भाणजी,झोली कहिजे माता रे
भष्मी हमारे संग रमे है,सुरतां करे मुख बातां रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
काई को तेरो घूमे घाघरो, काई का ओढ़े चीरा रे
काई को तेर बण्यो कांचलो, कोण पुरुष संग सिरा रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
धरती को मेर घूमे घाघरो,अमरापुर का चीरा रे
तारा मंडल को बण्यो कांचलो, अलख पुरुष संग सिरा रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
तन्ने बाँध गुरु तेरा बांधू, बांधू कंचन काया रे
काना ढलकता मदरा बांधू, जोग कठे से ल्याया रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
मन्ने खोल गुरु मेरा खोलूं ,खोलूं कंचन काया रे
काना ढलकता मदरा खोलूं ,जोग जुगत से ल्याया रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
उठत मारूँ बैठत मारूँ,मारुं जागत सुत्या रे
तीन लोक म भंग पसारुं, कठै ज्याव गोरख अवधूता रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
उठत सिमरुं बैठत सिमरुं,सिमरुं जागत सुत्या रे
तीन लौक से न्यारा खेलूं ,के जाणे गोरख अवधूता रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
ब्रह्मा न छलिया विष्णु न छलिया ,शंकर जटाधारी न
सकत भवानी यूं उठ बोली, तेर द्वारे हारी में।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।
जननी न जायो औघड़ लोथियो ,ना मन्ने गोद खिलायो रे
सिर पर हाथ मछेन्द्र जोगी धरियो,गोरखनाथ कुहायो रे।अमरापुर से चली भवानी गोरख छलबा आयी रे
आयी बठे उठ ज्याओ भवानी ओ जोगी मेरी माई रे।