मंगल की मूल भवानी शरणा तेरा है, शरणा तेरा है, आसरा तेरा है, शरणा तेरा है ॥मंगल की मूल भवानी शरणा तेरा है, शरणा तेरा है, आसरा तेरा है, शरणा तेरा है ॥
मैया है ब्रह्मा की पुतरी, लेकर ज्ञान सवर्ग से उतरी, आज तेरी कथा बनाय देई सुथरी, प्रथम मनाया है ॥मंगल की मूल भवानी शरणा तेरा है, शरणा तेरा है, आसरा तेरा है, शरणा तेरा है ॥
मैया भवन बणा जाली का, हार गूंथ ल्याया है माली का, हो ध्यान घर कलकत्ते वाली का, पुष्प चढ़ाया है ।मंगल की मूल भवानी शरणा तेरा है, शरणा तेरा है, आसरा तेरा है, शरणा तेरा है ॥
मैया महिषासुर को मर्या, अपने बल से धरण पछाड्या, हो हाथ लिये खाण्डा दुघारा, असुर संघार्या है ॥मंगल की मूल भवानी शरणा तेरा है, शरणा तेरा है, आसरा तेरा है, शरणा तेरा है ॥
कहता शंकर जटोली वाला, हरदम रटे गुरां की माला, हो खोल मेरे हृदय का ताला, विद्या बर पाया है ॥मंगल की मूल भवानी शरणा तेरा है, शरणा तेरा है, आसरा तेरा है, शरणा तेरा है ॥