बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥
लिखी करम की कैयां टलसी, तेरो जोर कठे ताई चलसी। दुरमत करयां रे घणो जी बलसी, दुरमत छोड़ो मेरा बीर ॥बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥
क्यूँ धन की खातिर भागे, किस्मत तेरे सागे सागे तँ सोवे तो भी या जागे थ्यावस ले ले मेरा बीर।बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥
तेरो मन चोखी खाने पर, छाप लगी दाने दाने पर।मिल जासी मौको आने पर, जिस रे दाने मे तेरो सीर।बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥
के चावे तू चोखा संगपन, के चावे तूं मान बड़प्पन तू होवे एक विचारे छप्पन, शंभु भजो रे रघुवीर ॥बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर॥