जिसके जीवन मैं मिला सत्संग है।उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।जिसका हरी से जुड़ा संबंध हैं, उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है । जिसका हरी से जुड़ा संबंध हैं, उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।
जिसका जीवन सच्चाई में ढल गया, उसके पापों का पर्वत भी ढल गया। उसके रोम रोम में बसे गोविंद हैं, उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।जिसके जीवन मैं मिला सत्संग है।उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।
सूरदास मीरा कबीरा ने गाया, तुलसी नानक ने भी दर्शन पाया। जिसके हृदय में राम नाम बंद है। उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है।जिसके जीवन मैं मिला सत्संग है।उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।
स्वर्ग जाने की इच्छा नहीं है ।मुक्ति पाने की इच्छा नहीं है। उसे ही मिलता यहाँ परमानंद है। उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।जिसके जीवन मैं मिला सत्संग है।उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।