साधो भाई देखो ना नज़र पसार,
या काया तन में रेल चलें,
रेल चले र काया रेल चले,
काया रेल चले।साधो भाई देखो ना नज़र पसार,
या काया तन में रेल चलें,
रेल चले र काया रेल चले,
काया रेल चले।
गाड़ी चलती है इंजन से,
इसमे साठ जगह पाणी के बंध से,
टिणों की एक एक कळ से,
धुआं निकसे बे तो शुमार,
या अग्नि आठुं पहर जलै।साधो भाई देखो ना नज़र पसार,
या काया तन में रेल चलें,
रेल चले र काया रेल चले,
काया रेल चले।
पांच टिकट काटणिया,
पच्चीस टिकट बाँटणिया,
तीन रेल रोकणिया,
इसमे चेतन सुरताँ है असवार,
या गाड़ी जद पेण्ड चलै।साधो भाई देखो ना नज़र पसार,
या काया तन में रेल चलें,
रेल चले र काया रेल चले,
काया रेल चले।
नो सौ कील जोड़न की,
नवासी कील मोड़न की,
पिच्यासी कील दोड़ण की,
जिसमे ऐसा नही हैं हथियार,
मांग्याँ कोनी मौल मिलै।साधो भाई देखो ना नज़र पसार,
या काया तन में रेल चलें,
रेल चले र काया रेल चले,
काया रेल चले।
शिवलाल भजन बनाया ताजा,
इसमे रख दिया दस दरवाजा,
दो पहिये छत्तिसुं बाजा,
एक दिन निकले डलेवर बाहर,
या गाड़ी कोनी पेंड चलै। साधो भाई देखो ना नज़र पसार,
या काया तन में रेल चलें,
रेल चले र काया रेल चले,
काया रेल चले।