सब नार करे तकरार, गोरजा यो वर कुंन ढूंढयो।कुंन ढूंढयो पार्वती यो वर कुंन ढूंढयो। हे पार्वती यो वर कुंन ढूंढयो।सब नार करे तकरार, गोरजा यो वर कुंन ढूंढयो।
शिव शंकर जी ब्यावन आए,जान बराती कछु ना लाए।हाथी घोड़ा संग ना ल्याए ल्याए बैल बूढ़ों।हे पार्वती यो वर कुंन ढूंढयो।सब नार करे तकरार, गोरजा यो वर कुंन ढूंढयो।
एक हाथ से डमरू बजाए, दुजी हाथ से मखीया उडावे ।इन संग फेरा मत ले गोरजा यों वर है बूढ़ो।।हे पार्वती यो वर कुंन ढूंढयो।सब नार करे तकरार, गोरजा यो वर कुंन ढूंढयो।
डगमग डगमग नाड़ हिलत है, मखीया को बरनात उड़त है।
आक धतूरा को भोग लागत है भांग भरयो कुंदों।।हे पार्वती यो वर कुंन ढूंढयो।सब नार करे तकरार, गोरजा यो वर कुंन ढूंढयो।
गंगा दास हरी गुन गावे, सखिया न गोरा समझाव ।शिव शंकर जी का ध्यान धरो थे इन रो उंडो।हे पार्वती यो वर कुंन ढूंढयो।सब नार करे तकरार, गोरजा यो वर कुंन ढूंढयो।