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विविध भजन

Suwa re suwa vankhandi suwa,सूवा रे सूवा बणखंडी सूवा,

सूवा रे सूवा, बणखंडी सूवा,



सूवा रे सूवा, बणखंडी सूवा, जी सूवा घर-घर न्यू र्दी आ ।सूवा रे सूवा, बणखंडी सूवा, जी सूवा घर-घर न्यू र्दी आ ।



हरियाँ तेरो गात, पिंगल तेरो ठून, रत्नन्यारी तेरी आँखी, नजर तेरी बांकी, जा सूवा घर-घर न्यूत दी आ । गौं-गौं ‘न्यूत दी आ।सूवा रे सूवा, बणखंडी सूवा, जी सूवा घर-घर न्यू र्दी आ ।



नौं न पघ्याणन्यू, मौ नि पछ्याणन्यूं, कै घर कै नारि।दियोल? राम चंद्र नौं छु, अवध पुर गौ छु, वी घर की नारी कैं न्यूत दी।सूवा रे सूवा, बणखंडी सुवा, वा घर-घर न्यू दी ।



गोकुल गौं छू, कृष्ण चंद्र नौं छु, वी घर की नारी कैं न्यूत दी आ सूवारे सूवा, बणखंडी सूवा, जा सूवा घर-घर न्यूत दी।सूवा रे सूवा, बणखंडी सूवा, जी सूवा घर-घर न्यू र्दी आ ।




कैलाश गौ छू, शंकर उनर नु छू, वी घवी नारी न्यूत दी आ।सूवारे सूवा, बणखंडी सूवा, जा सूवा घर-घर न्यूत दी आ,
सूवारे सूवा, बणखंडी सूवा, जी सूवा घर-घर न्यूत र्दी आ ।



अघिल आधिबाड़ी, पछिल फुलवाड़ी, वी घर की नारी कैं न्यूत दी आ हस्तिनापुर गौं छ, सुभद्रा देवी नौं छ, वी का पुरुष को अरजुन नौं छ, वी घर, वी नारि न्यूंत दी आ ।सूवा रे सूवा, बणखंडी सूवा, जी सूवा घर-घर न्यू र्दी आ ।

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